Medflick
Category

क्यों तेजी से बढ़ रहा है ब्रेस्ट कैंसर? जानिए इसका कारण, निदान और इलाज

icon-blog By -Dr. Kanika Sharma
icon-blog By -November 8, 2023
  • Home
  • Blogs
  • क्यों तेजी से बढ़ रहा है ब्रेस्ट कैंसर? जानिए इसका कारण, निदान और इलाज

Share

Talk to a DoctorView Doctors Listingarrow-icon

दुनिया भर में ब्रेस्ट यानी स्तन कैंसर काफी तेजी से फैल रहा है। यह महिलाओं को होने वाला सबसे आम प्रकार का कैंसर है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक 2020 में एक करोड़ से ज्यादा लोगों की मृत्यु कैंसर के कारण हुई थी। इनमें सबसे अधिक मृत्यु 685,000 ब्रेस्ट कैंसर के कारण हुई थी। 2020 में 2.3 मिलियन महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले सामने आए थे। भारत में हर चार मिनट में एक महिला को ब्रेस्ट कैंसर का पता चलता है। वक़्त के साथ-साथ यह और भी गंभीर रूप लेता जा रहा है। एक अनुमान के मुताबिक भारत में हर साल ब्रेस्ट कैंसर में 6 फीसदी तक इजाफा हो रहा है। ब्रेस्ट कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 1985 में नेशनल ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ की शुरुआत की गई थी। तब से लेकर अब तक हर साल 13 अक्टूबर को ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।  

आईए जानते है कि आखिर ब्रेस्ट कैंसर क्या होता है? ब्रेस्ट कैंसर एक ऐसी स्थिति होती है जब ब्रेस्ट यानी महिलाओं के स्तनों में कैंसर कोशिकाएं बढ़ जाती है और यह ट्यूमर का रूप ले लेता है। आमतौर पर ब्रेस्ट में दूध उत्पादक ग्रंथियों लोब्यूल या पथ नलिकाओं में कैंसर विकसित होता है। इससे ग्रंथियों से निप्पल तक दूध पहुंचाता है। फैटी या रेशेदार टिश्यू कैंसर कोशिकाओं के लिए हॉटस्पॉट भी हो सकते है। कुछ मामलों में कैंसर कोशिकाएं आपकी बाहों के नीचे लिम्फ नोड्स तक पहुंच सकती है और शरीर के विभिन्न हिस्सों में फैल सकती है। ब्रेस्ट कैंसर के लगभग 80% मामलों में ट्यूमर स्तन से आपके शरीर के अन्य क्षेत्रों में फैल सकता है। आमतौर पर यह 50 साल और उससे अधिक उम्र की महिलाओं को सबसे अधिक प्रभावित करता है। लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि यह कम उम्र की महिलाओं को प्रभावित नहीं करता है। देखा जाएं तो पिछले कुछ सालों से कम उम्र की महिलाओ में भी यह काफी अधिक देखने को मिल रहा है। महिलाओं  के साथ-साथ यह पुरुषों को भी प्रभावित कर सकता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक 0.5 से 1 प्रतिशत तक स्तन कैंसर पुरुषों में होते है।
 

ब्रेस्ट कैंसर के प्रकार

आमतौर पर ब्रेस्ट कैंसर कई तरह के हो सकते है। इसके सबसे प्रमुख प्रकार निम्नलिखित है।

इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा (आईडीसी): इस प्रकार का कैंसर दूध की नलिकाओं यानी मिल्क डक्ट में शुरू होता है और धीरे-धीरे आस-पास के ब्रेस्ट टिशू में फैल जाता है। ये ब्रेस्ट कैंसर काफी तेजी से फैलते है। 

लोब्यूलर ब्रेस्ट कैंसर: इस प्रकार का कैंसर मिल्क प्रोड्यूसिंग ग्लैंड्स (लोब्यूल्स) में शुरू होता है और आसपास के ब्रेस्ट टिशू में फैल जाता है।

डक्टल कार्सिनोमा इन सीटू (डीसीआईएस): यह ब्रेस्ट कैंसर भी दूध नलिकाओं में शुरू होता है। इसकी विशेष बात यह है कि यह दूध नलिकाओं से आगे नहीं फैलता है और यह काफी धीरे-धीरे विकसित होता है।

आकड़ो की माने तो 80 प्रतिशत तक ब्रेस्ट कैंसर इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा प्रकार के होते है। इनके अलावा इन्फ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर और पेजेट्स डिजीज भी ब्रेस्ट कैंसर के प्रकार है। लेकिन ये काफी दुर्लभ व तेजी से फैलने वालें होते है। सबसे अधिक मृत्यु का खतरा इसी प्रकार के कैंसर से होता है। 

Read in EnglishWhat Is Breast Cancer?

आम कैंसर की तरह ही ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण भी आसानी से नहीं दिखते है। यह महिलाओं को कई प्रकार से प्रभावित कर सकता है। ब्रेस्ट कैंसर के कुछ लक्षण बहुत विशिष्ट होते है। जो महिलाएं इससे प्रभावित होती है उनकी ब्रेस्ट का साइज और शेप में बदलाव आ जाता है।  कई महिलाओं को अपनी ब्रेस्ट में गांठ का अनुभव होने लगता है। ऐसा देखा गया है कि गांठ होने पर ब्रेस्ट की त्वचा के रंग में बदलाव आ जाता है। निप्पल में धब्बा होने के साथ- साथ कई प्रकार के तरल पदार्थ निकलने लगते है। इसके अलावा ब्रेस्ट के आस-पास सूजन और दर्द का अनुभव भी होने लगता है।

क्यों होता है ब्रेस्ट कैंसर?

ब्रेस्ट कैंसर तब होता है जब ब्रेस्ट सेल्स म्यूटेट होती है और कैंसर सेल्स में बदल जाती है। धीरे-धीरे ये सेल्स ट्यूमर का रूप ले लेते है। हालांकि इस बदलाव के  कारण निश्चित नहीं है। इसके होने के कुछ जोखिम कारक होते है। यह 55 साल या उससे अधिक उम्र की महिलाओं को सबसे अधिक प्रभावित करता है। अगर किसी महिला के परिवार में किसी को यह बीमारी हुई है तो इसके होने की संभावना अधिक रहती है। इसके अलावा स्मोकिंग या तम्बाकू का इस्तेमाल ब्रेस्ट कैंसर सहित कई अलग-अलग प्रकार के कैंसर का कारण बन सकते है। अल्कोहल युक्त ड्रिंक पीने, मोटापा, रेडिएशन एक्सपोज, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी आदि से भी ब्रेस्ट कैंसर के होने का खतरा होता है।

ब्रेस्ट कैंसर से कैसे बचाव करें?

वास्तविकता यह है कि ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करने का कोई निश्चित तरीका नहीं है। इसके बावजूद भी विभिन्न तौर-तरीकों से इसके खतरे को कम किया जा सकता है। आइये जानते है स्तन कैंसर से बचाव करने के कुछ टिप्स।

  • वेट मेंटेन करके ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। 35 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को अपना वजन संतुलित रखना चाहिए। वेट को मैनेज करने के लिए आप आयुष्कार के आयुर्वेदिक कैप्सूल "वेट लॉस" का प्रयोग भी कर सकती है। 
  • शराब व तंबाकू का सेवन ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ाता है इसलिए इनके सेवन से बचना चाहिए। 
  • नियमित रूप से एक्सरसाइज व योग करने से ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। 
  • हेल्दी डाइट का इस्तेमाल करें। अगर आप हेल्दी डाइट जैसे सब्जियों, फल, कैल्शियम युक्त डेयरी प्रोडक्ट्स और लो फैट वाले प्रोटीन डाइट लेते है तो इससे ब्रेस्ट कैंसर के होने की संभावना बहुत कम होती है। खुद को हाइड्रेट रखने के लिए कम से कम दस गिलास पानी पिए। 
  • अपनी जांच नियमित रूप से कराती रहें इससे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम किया जा सकता है।
     

ब्रेस्ट कैंसर का निदान

आमतौर पर डॉक्टर ब्रेस्ट कैंसर का निदान कई प्रकार से करते है। डॉक्टर कई तरह की जांच करा सकते है। डॉक्टर इसके निदान के लिए  मैमोग्राम, बायोप्सी, अल्ट्रासाउंड, स्वैब, एमआरआई, बीआरसीए आदि टेस्ट करा सकते है। 

मैमोग्राम: यह एक प्रकार का इमेजिंग टेस्ट होता है। महिलाओं को स्तन कैंसर की आनुवांशिक प्रवृत्ति होने पर मैमोग्राम कराने की सिफारिश की जा सकती है।

अल्ट्रासाउंड: आमतौर पर अल्ट्रासाउंड का परीक्षण यह समझने में सहायक होता है कि है कि ब्रेस्ट में कैंसर है या नहीं।

बायोप्सी: यदि आम तौर-तरीकों से ब्रेस्ट कैंसर का निदान नहीं हो पाता है तो डॉक्टर बायोप्सी की अनुशंसा कर सकते है। इस परीक्षण में संदिग्ध क्षेत्र से ऊतक के नमूनों को स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए लैब में भेजा जाता है।

ब्रेस्ट कैंसर का इलाज

स्तन कैंसर का इलाज डॉक्टर अलग-अलग तरीकों से कर सकते है। दरअसल ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के कई तौर-तरीके उपलब्ध है। इसका इलाज ब्रेस्ट कैंसर के प्रकार और स्टेज पर निर्भर करता है। आमतौर पर डॉक्टर इसके इलाज के लिए निम्नलिखित विकल्पों की अनुशंसा करते है। 

सर्जरी

सर्जरी करके कैंसर की गांठ को हटाया जाता है। लुम्पेक्टोमी जिसे "स्तन संरक्षण सर्जरी" के रूप में भी जाना जाता है। इसमें ब्रेस्ट को बरकरार रखते हुए कैंसर को हटाने के साथ-साथ कुछ स्वस्थ ऊतकों को भी हटाया जाता है। कई मामलों में पुरे स्तन को ही हटाया जाता है। इसके अलावा ब्रेस्ट सर्जरी के दौरान बांह के नीचे के लिम्फ नोड्स को भी हटाया जा सकता है। सर्जरी से पहले या बाद में अपने स्तन के आकार को बहाल करने के बारे में सुझाव दिया जा सकता है। एक आर्टिफिशल अंग आपको लगाने की सलाह दी जाती है। ब्रेस्ट प्रोस्थेसिस एक सिंथेटिक ब्रेस्ट या ब्रेस्ट का वह हिस्सा होता है जिसे ब्रा में या कपड़ों के नीचे पहना जाता है ताकि आपके प्राकृतिक ब्रेस्ट के एक हिस्से या पूरे हिस्से को बदल दिया जा सके। ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्शन एक सर्जिकल प्रक्रिया है जो एक नए ब्रेस्ट का निर्माण करती है।

रेडिएशन

रेडियोथेरेपी लुम्पेक्टोमी या लिम्फ नोड हटाने के बाद किसी भी शेष स्तन कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए अक्सर उपयोग किया जाता है। इससे दोबारा कैंसर के उभरने की संभावनाएं कम हो जाती है। इसके अलावा कीमोथेरेपी का प्रयोग भी किया जाता है।   

रसायन चिकित्सा

रसायन चिकित्सा का इस्तेमाल कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग सर्जरी या रेडिएशन से पहले या बाद में या फिर संयोजन में किया जा सकता है।

हार्मोन थेरेपी

हार्मोन थेरेपी में इस तरह की दवाएं शामिल होती है जो शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर को कम करती है। हार्मोन रिसेप्टर पॉजिटिव कैंसर कोशिकाओं को रोकने या धीमा करने के लिए किया जाता है। 

 

Need Assistance?

Stay Informed, Stay Healthy

Subscribe to our Newsletter and make your informed health decisions. Get essential health insights and updates delivered straight to your inbox. Join now for a healthier you.